दीया तुम
तुम्ही बाती
तेल भी तुम
उजाला लाती
आहुति तुम
तुम्हीं समिधा
मंत्र भी तुम
देवों की विधा
प्रज्ज्वल तुम
तुम्हीं प्रकाश
सितारा तुम
भरती आकाश
जीवन तुम
तुम्हीं धड़कन
सांसें तुम
तुम्हीं स्पंदन
पुरवा तुम
तुम्हीं रिमझिम
शीतल तुम
बरसो छमछम
साज हो तुम
तुम्हीं श्रृंगार
सरगम तुम
तुम्हीं मल्हार
नैनन भर देता
दूर है वास
अंक भर लेता .
एक उजास
ReplyDeleteनैनन भर देता
दूर है वास
अंक भर लेता .
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बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति!
जीवन तुम
ReplyDeleteतुम्हीं धड़कन
सांसें तुम
तुम्हीं स्पंदन
,बहुत सुंदर भावाव्यक्ति ,बधाई
समर्पण का उच्चतम स्वर।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भाव!!!
ReplyDeleteजीवन तुम
ReplyDeleteतुम्हीं धड़कन
सांसें तुम
तुम्हीं स्पंदन ..
बहुत खूब ... सिमित शब्दों में गहरी बात ... लाजवाब ...
सुन्दर और भाव पूर्ण रचना के लिए बहुत-बहुत आभार...
ReplyDelete..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
ReplyDeletedeepak ko shabd dikha diya aapne:)
ReplyDeletebahut khub!