Friday, August 6, 2010

ए़क चमकता हुआ तारा

तुमने दिखाया
ए़क चमकता हुआ तारा
आसमान में
असंख्य तारों के बीच
मुझे लगा
जैसे कह रही हो तुम
इस दुनिया की भीड़ से
चुना है तुमने
मुझे
ध्रुव तारे की तरह।


फिर
ए़क बात भी
चाहता हूँ कहना
कि
जब कभी
नहीं मिले
तुम्हे रास्ता
मेरी ओर देखना
मैं
जरुर खड़ा मिलूँगा
तुम्हे
देने को साथ
दिखाने को राह

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