Monday, September 13, 2010

तुम्हारा एहसास

तुम्हारे
एहसास के साए में
जिंदगी की दोपहर
बीत जायेगी
साथ रहा जो तुम्हारा
यह और भी
खूबसूरत हो जाएगी .

तुम्हारे
क़दमों की सधी
लय ताल
भटकने नहीं
देगी मुझे
दे देगी मेरे क़दमों
को भी
एक नई दिशा ।

तुम्हारी
निर्मल सोच
नहीं देगी प्रवेश
विकारों को
मन में मेरे
और तैरेंगे
सुविचार
सबके लिए ।

तुम्हारा
दृढ निश्चय
बढ़ाएगा
मेरा हौसला
भरेगा मुझमें
शक्ति
करने को सामना
रहने को अडिग
विपरीत स्थितियों में भी ।

तुम्हारी
गहरी आँखें
देती हैं सन्देश
परिपक्वता का
ठहराव का
देती हैं निर्देश
छूने को शिखर
और करती हैं प्रेरित
फिर से उठने को
हर हार के बाद ।

तुम्हारा
अदृश्य प्रेम
बढ़ाता है
मेरे मन की
पवित्रता
बताता है
कैसे निभाते है
प्रीत की रीत
मौन रहकर भी ।

2 comments:

  1. मेरे मन की
    पवित्रता
    बताता है
    कैसे निभाते है
    प्रीत की रीत
    मौन रहकर भी
    सुंदर अभिव्यक्ति , बधाई

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  2. तुम्हारे
    एहसास के साए में
    जिंदगी की दोपहर
    बीत जायेगी
    साथ रहा जो तुम्हारा
    यह और भी
    खूबसूरत हो जाएगी .

    निश्चित ही जिंदगी का हर पहर खूबसूरत होगा .

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