Wednesday, June 23, 2010

आज कुछ खास

आज
कुछ खास लग रहा है
लगता है
कोई सपनों को पंख दे रहा है ।

आज
फूल खूबसूरत हो गए है
उनकी महक
बेहद रूमानी जो हो गयी है ।

आज
समय को लग गए है पर
लेकिन सांसें
मानो रूक ही गयी हैं ।

आज
साथ था तुम्हारा साथ मेरे
पाँव मेरे
जमीं पर थे ही नहीं ।

आज
एक छुअन से तूफ़ान उठा इधर
जी चाहता है
ना थमे तुम्हारे एहसास से भी ।

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