चित्र साभार गूगल |
साँसे थम जाती हैं
आँखें बस तुम्हे देखती हैं
सूरज मद्दयम हो जाता है
जब भी
सोचता हूँ
तुम्हारी चौखट के बारे में
आँखें बस तुम्हे देखती हैं
सूरज मद्दयम हो जाता है
जब भी
सोचता हूँ
तुम्हारी चौखट के बारे में
रख देना एक दीया
मिटटी का
डालकर उसमें
अपने नेह का तेल
कि भटक ना जाऊं मैं
जब आऊं तुम्हारी चौखट पर
मेरी आहट पाकर
लगेंगे झूमने
वह वन्दनवार
जो बांधे थे मैंने
गृहप्रवेश के दिन
तुम्हारी चौखट पर
सामने देख मुझे
बोल उठेगा जरूर
वह तोते का जोड़ा
जिसे प्यार से
पुचकारा था मैंने
तुम्हारी चौखट पर.
सांकल मत लगाना कभी
मेरे लिए
अपनी चौखट पर
रख देना एक पायदान
कि पोंछ आऊं मैं
सभी द्वेष ह्रदय के
करने को प्रवेश तुम्हारे ह्रदय में
मिटटी का
डालकर उसमें
अपने नेह का तेल
कि भटक ना जाऊं मैं
जब आऊं तुम्हारी चौखट पर
मेरी आहट पाकर
लगेंगे झूमने
वह वन्दनवार
जो बांधे थे मैंने
गृहप्रवेश के दिन
तुम्हारी चौखट पर
सामने देख मुझे
बोल उठेगा जरूर
वह तोते का जोड़ा
जिसे प्यार से
पुचकारा था मैंने
तुम्हारी चौखट पर.
सांकल मत लगाना कभी
मेरे लिए
अपनी चौखट पर
रख देना एक पायदान
कि पोंछ आऊं मैं
सभी द्वेष ह्रदय के
करने को प्रवेश तुम्हारे ह्रदय में