Thursday, February 24, 2011

तुम्हारी चौखट



चित्र साभार गूगल   








साँसे थम जाती  हैं
आँखें बस तुम्हे देखती हैं
सूरज मद्दयम  हो जाता है
जब भी
सोचता हूँ
तुम्हारी चौखट के बारे में 

रख देना एक दीया
मिटटी का
डालकर उसमें
अपने नेह का तेल
कि भटक ना जाऊं मैं
जब आऊं तुम्हारी  चौखट पर


मेरी आहट पाकर
लगेंगे झूमने
वह वन्दनवार
जो बांधे थे मैंने
गृहप्रवेश के दिन
तुम्हारी चौखट पर


सामने देख मुझे
बोल उठेगा जरूर
वह तोते का जोड़ा
जिसे प्यार से
पुचकारा था मैंने
तुम्हारी चौखट पर.


सांकल मत लगाना कभी
मेरे लिए
अपनी  चौखट पर
रख देना एक पायदान
कि पोंछ  आऊं मैं
सभी द्वेष ह्रदय के
करने को प्रवेश तुम्हारे ह्रदय में

8 comments:

  1. सांकल मत लगाना कभी
    मेरे लिए
    अपनी चौखट पर
    रख देना एक पायदान
    कि पोंछ आऊं मैं
    सभी द्वेष ह्रदय के
    करने को प्रवेश तुम्हारे ह्रदय में

    सुन्‍दर भावमय करते शब्‍द ।

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  2. रख देना एक पायदान
    कि पोंछ आऊं मैं
    सभी द्वेष ह्रदय के
    करने को प्रवेश तुम्हारे ह्रदय में..

    बस पढ़ कर गुन रही हूँ ..बहुत खूबसूरत भाव पिरोये हैं ..

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  3. अपनी चौखट पर
    रख देना एक पायदान
    कि पोंछ आऊं मैं
    सभी द्वेष ह्रदय के
    करने को प्रवेश तुम्हारे ह्रदय में...

    pyare dil se nikle shabd...!

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  4. प्रेम की निर्मल अभिव्यक्ति।

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  5. सांकल मत लगाना कभी
    मेरे लिए
    अपनी चौखट पर
    रख देना एक पायदान
    कि पोंछ आऊं मैं
    सभी द्वेष ह्रदय के
    करने को प्रवेश तुम्हारे ह्रदय मेंsada ke liye vas karne ka adbhut tareeka hai ye....sunder...

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  6. सुन्दर रचना

    परन्तु आप भी वहां जाना न भूलियेगा....कहीं वो आपका बताया सब करके आपकी राह ही न देखता रह जाये

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  7. सांकल मत लगाना कभी
    मेरे लिए
    अपनी चौखट पर
    रख देना एक पायदान
    कि पोंछ आऊं मैं
    सभी द्वेष ह्रदय के
    करने को प्रवेश तुम्हारे ह्रदय में.........

    गहन अनुभूतियों की सुन्दर अभिव्यक्ति....

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  8. बहुत ही बढ़िया अभिव्यक्ति.
    सलाम.

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