चित्र साभार गूगल |
गौरैया का मन मुझ पर आया
प्रिय अधरों से लिया उठाय
उसने सुंदर एक नीड़ बनाया
तिनका हूँ मैं उपयोगी बन
खग ठौर बना इतराया हूँ
मुझमें जीता नन्हा जीवन
देख उन्हें मैं मुस्काया हूँ
तिनका हूँ मैं उड़ता आवारा
मेरी न कोई बोली बाणी
डूबते का हूँ एक सहारा
कीमत उसी ने है जानी
तिनका हूँ मैं दूब कमतर
कोमल सा मखमली बिछौना
तूफ़ान नवाए तना तरुवर
मुझे लगता एक खिलौना
तिनका हूँ मैं निरीह दिखूं
मुझ पर ना कोई बंधन
पैर पखारूँ या ह्रदय लगूं
आलिंगन मेरा है अनुबंधन
तिनका हूँ मैं न उपेक्षा भाए
नजरों में नहीं बसा लेना
अश्रु धार बहा ले जाए
फिर से तुम कंठ लगा लेना
तिनका हूँ मैं तुम गंध रजनी
दिशाहीन बलहीन व्यथा मेरी
मांग सजा लो तुम सजनी
पलाश बन महकूँ चाह मेरी .
तिनके को लेकर इतना लाजवाब ताना बाना बुना है आपने .... बहुत सुन्दर रचना बनी है ..
ReplyDeleteअच्छे तिनके तिनके जोड़े हैं और सुन्दर आशियाना बना है
ReplyDeleteखूबसूरती से जुड़े तिनकों ने सुन्दर घोंसला बनाया ...पलाश के फूलों में महक होती है क्या ?
ReplyDeleteतिनके का बहुत ही सुन्दर नीड बनाया है……………बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteएक तिनके के बारे मैं इतना गहरिए से सोचा, क्या बात है मैडम
ReplyDeleteबहुत उम्दा सोच और अभिव्यक्ति!
ReplyDeleteचित्र साभार गूगल
ReplyDeleteतिनका हूँ मैं दुर्बल असहाय
गौरैया का मन मुझ पर आया
प्रिय अधरों से लिया उठाय
उसने सुंदर एक नीड़ बनाया
तिनका हूँ मैं उपयोगी बन
खग ठौर बना इतराया हूँ
मुझमें जीता नन्हा जीवन
देख उन्हें मैं मुस्काया हूँ
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
.
बहुत सुन्दर रचना.
ReplyDeleteतिनका तिनका सुन्दर .
सलाम.
सुंदर अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteतिनका हूँ मैं उपयोगी बन
ReplyDeleteखग ठौर बना इतराया हूँ
मुझमें जीता नन्हा जीवन
देख उन्हें मैं मुस्काया हूँ
तिनका तिनका जोड कर ही घर बनता है बहुत सुन्दरता से शब्दों के तिनके पिरोए हैं। बधाई।
सहेजने वाली पोस्ट।
ReplyDeleteतिनके का बहुत ही सुन्दर नीड बनाया है…
अच्छे तिनके तिनके जोड़े हैं और सुन्दर आशियाना बना है
ReplyDeleteतिनके की सुन्दर दुनिया, बहुत अच्छा।
ReplyDeleteतिनके की उपयोगिता पर शशक्त रचना के लिए बधाई स्वीकारें...
ReplyDeleteनीरज
sach me ek teenke se aapne kavita bana di........dhnaya hain ham aapke pathak!!:)
ReplyDelete