Tuesday, February 22, 2011

तिनका हूँ मैं


चित्र साभार गूगल 



तिनका हूँ मैं दुर्बल असहाय  
गौरैया का मन मुझ पर आया 
प्रिय  अधरों से लिया उठाय
उसने  सुंदर  एक नीड़ बनाया

तिनका हूँ मैं उपयोगी बन  
खग ठौर बना इतराया हूँ 
मुझमें जीता नन्हा जीवन 
देख उन्हें मैं मुस्काया हूँ  

तिनका हूँ मैं उड़ता आवारा  
मेरी न कोई बोली बाणी
डूबते का हूँ एक सहारा 
कीमत उसी ने है  जानी 

तिनका हूँ मैं दूब कमतर  
कोमल सा मखमली बिछौना  
तूफ़ान नवाए तना तरुवर 
मुझे लगता एक खिलौना 

तिनका हूँ मैं निरीह दिखूं  
मुझ पर ना कोई बंधन
पैर पखारूँ या  ह्रदय लगूं  
आलिंगन मेरा है अनुबंधन 

तिनका हूँ मैं न उपेक्षा भाए  
नजरों में नहीं बसा लेना 
अश्रु धार बहा ले जाए 
फिर से तुम कंठ लगा लेना 

तिनका हूँ मैं तुम गंध रजनी 
दिशाहीन बलहीन व्यथा मेरी  
मांग सजा लो तुम सजनी
पलाश बन महकूँ चाह मेरी  . 

15 comments:

  1. तिनके को लेकर इतना लाजवाब ताना बाना बुना है आपने .... बहुत सुन्दर रचना बनी है ..

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  2. अच्छे तिनके तिनके जोड़े हैं और सुन्दर आशियाना बना है

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  3. खूबसूरती से जुड़े तिनकों ने सुन्दर घोंसला बनाया ...पलाश के फूलों में महक होती है क्या ?

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  4. तिनके का बहुत ही सुन्दर नीड बनाया है……………बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।

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  5. एक तिनके के बारे मैं इतना गहरिए से सोचा, क्या बात है मैडम

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  6. बहुत उम्दा सोच और अभिव्यक्ति!

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  7. चित्र साभार गूगल



    तिनका हूँ मैं दुर्बल असहाय
    गौरैया का मन मुझ पर आया
    प्रिय अधरों से लिया उठाय
    उसने सुंदर एक नीड़ बनाया

    तिनका हूँ मैं उपयोगी बन
    खग ठौर बना इतराया हूँ
    मुझमें जीता नन्हा जीवन
    देख उन्हें मैं मुस्काया हूँ

    बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।

    .

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  8. बहुत सुन्दर रचना.
    तिनका तिनका सुन्दर .
    सलाम.

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  9. सुंदर अभिव्यक्ति।

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  10. तिनका हूँ मैं उपयोगी बन
    खग ठौर बना इतराया हूँ
    मुझमें जीता नन्हा जीवन
    देख उन्हें मैं मुस्काया हूँ
    तिनका तिनका जोड कर ही घर बनता है बहुत सुन्दरता से शब्दों के तिनके पिरोए हैं। बधाई।

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  11. सहेजने वाली पोस्ट।
    तिनके का बहुत ही सुन्दर नीड बनाया है…

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  12. अच्छे तिनके तिनके जोड़े हैं और सुन्दर आशियाना बना है

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  13. तिनके की सुन्दर दुनिया, बहुत अच्छा।

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  14. तिनके की उपयोगिता पर शशक्त रचना के लिए बधाई स्वीकारें...

    नीरज

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  15. sach me ek teenke se aapne kavita bana di........dhnaya hain ham aapke pathak!!:)

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