Monday, November 8, 2010

आंसू



बहुत भारहीन हो तुम
जरा खुश हुए
कि छलक आते हो तुम
थोडा दिल दुखा नहीं
कि समंदर ले आते हो .




लगता है मीठा
ख़ुशी के अतिरेक में
यह खारा पानी
लाख छिपाना चाहो
बह ही जाता है .

कीमत भी भिन्न
भिन्न भिन्न
स्थितियों में
प्रिया के आंसू
मोतियों से भी मंहगे
माँ के आँसू
अनमोल
आंकी नहीं जा सकती
जिसकी कीमत

गरीब के आंसू
बेमोल
नहीं जिसकी
कोई कीमत
बहते है लावारिसं
और स्वयं सूख भी जाते है
नहीं बढाता कोई हाथ
उसे पोंछने को
देने को दिलासा

कभी निर्णायक
भी बन जाते है ये
पुख्ता साक्ष्य भी है
सच और झूठ का
निर्णय टिका होता है
कभी कभी इन पर
ये तो उन आँखों
पर निर्भर है
जिनमें बसते हैं
ये आंसू

कभी हंसाते है
कभी रुलाते है ये
काबू पाना इन पर
नहीं आसान
छलकाना इनको
भी नहीं आसान
छिपाना भी है
बहुत मुश्किल

आंसुओं 
तुम्हें तुम्हारी कसम
कभी न आना
मेरे प्रिय के
नैनो में
बदल लेना राह
उन लाल डोरों से
जिनमें बसते हैं हम .

13 comments:

  1. छलकाना इनको
    भी नहीं आसान
    छिपाना भी है
    बहुत मुश्किल

    बहुत ही सुन्‍दर भावमय प्रस्‍तुति ।

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  2. प्रिया के आंसू
    मोतियों से भी मंहगे
    माँ के आँसू
    अनमोल
    आंकी नहीं जा सकती
    जिसकी कीमत

    kya baat hai, maan gaye

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  3. बदल लेना राह
    उन लाल डोरों से
    जिनमें बसते हैं हम।

    एक श्रेष्ठ रचना।

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  4. बेहद खूबसूरत भाव्…………शानदार
    आँसू तो दिल की जुबान होते हैं
    बेशक खुद बेजुबान होते हैं

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  5. हम्म!
    आंसुओं
    तुम्हें तुम्हारी कसम
    कभी न आना
    मेरे प्रिय के
    नैनो में
    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।

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  6. आँसुओं का वर्गीकरण क्या बात है सुंदर रचना , बधाई

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  7. आंसुओं
    तुम्हें तुम्हारी कसम
    कभी न आना
    मेरे प्रिय के
    नैनो में
    सुन्दर रचना .. बेहद

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  8. बहुत सुन्दरता से भाव उकेरे हैं.

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  9. आंसू की कीमत जान ने वाले बहुत कम लोग हैं.. आप समझ रही हैं यह आपके भीतर की सम्वेंदना को परिलक्षित कर रहा है..

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  10. मन को छू गये आपके भाव।

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  11. "कभी हंसाते है
    कभी रुलाते है ये
    काबू पाना इन पर
    नहीं आसान
    छलकाना इनको
    भी नहीं आसान
    छिपाना भी है
    बहुत मुश्किल ".... इन पंक्तियों में आपने आंसू की समग्रता से व्याख्या की है.. सचमुच आंसू को छुपाना बहुत मुश्किल है और आंसू के पीछे जो प्रेम के भाव हैं.. जीवन के भाव हैं.. स्पष्ट हो रहे हैं.. एक संवेदनशील कविता.. मेरी आंसूं को अपने आंसू में शामिल कर लीजिये..

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  12. बेहद खूबसूरत भाव्…………शानदार

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