चित्र साभार गूगल |
जीवन है
एक उत्सव
जब हो
तुम्हारा तत्त्व
जीवन हैजीवन है
एक उल्लास
साथ हो
तुम्हारा परिहास
एक नई भोर
तुम्हारे प्रेम का
ना कोई छोर .
जीवन है
चटक चांदनी
संग बजे जब
तुम्हारी रागिनी
जीवन है
खनकता कंगन
बंध जाए जो
तुमसे बंधन .
जीवन है
सुरा का प्याला
मिले जो तुम सा
पीने वाला .
जीवन है
एक प्रेम कहानी
राधा रही
कृष्ण दीवानी .
जीवन हैजीवन है
एक सप्तम राग
सुर ताल संग
खेले फाग .
एक वसंत
रंग हैं इसमें
अति अनंत .
जीवन हैजीवन है
एक रसमय गीत
शहद घोलती
तुम्हारी प्रीत .
एक सुंदर रीत
जगमग करता
मन का दीप .
जीवन हैजीवन है
एक आँगन
चूल्हा तुलसी
और चन्दन .
एक पावन पूजा
हुआ ना तुझ सा
कोई दूजा .
बहुत खूबसूरत भाव से सजी रचना
ReplyDeletemann ki aankhon se dekho , mann ki tarah hai jivan
ReplyDeleteजीवन है
ReplyDeleteचटक चांदनी
संग बजे जब
तुम्हारी रागिनी
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जीवन है
सुरा का प्याला
मिले जो तुम सा
पीने वाला
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बहुत अछी कविता !
बधाई हो !
प्रकाश पर्व की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (22/11/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com
कविता तो गाने लिए बना हुआ गीत लगती है जिसे आराम से सुर ताल और लय में बांधा जा सकता है मगर भाव बहुत हद तक असली है.हार्दिक कलम से लिखी गई इस कविता पर मन से बधाई.कविता में तुक बंदी हो अब ऐसा कोई बंधन नहीं रहा. बस भाव होना चाहिएऔर हाँ कथ्य पाठक तक पहुँच जाए.
ReplyDelete--
सादर,
माणिक;संस्कृतिकर्मी
17,शिवलोक कालोनी,संगम मार्ग, चितौडगढ़ (राजस्थान)-312001
Cell:-09460711896,http://apnimaati.com
My Audio Work link http://soundcloud.com/manikji
सुन्दर परिभाषाएं जीवन की!
ReplyDeleteजीवन को परिभाषित करते खूबसूरत शब्द चित्र. सुंदर प्रस्तुति. आभार.
ReplyDeleteसादर
डोरोथी.