Saturday, November 20, 2010

जीवन है


चित्र  साभार  गूगल  












जीवन है
एक उत्सव
जब हो
तुम्हारा तत्त्व


जीवन है
एक उल्लास
साथ हो
तुम्हारा परिहास
जीवन है
एक नई भोर
तुम्हारे प्रेम का
ना कोई छोर .


जीवन है
चटक चांदनी
संग बजे जब
तुम्हारी रागिनी

जीवन है
खनकता कंगन
बंध जाए जो
तुमसे बंधन .


जीवन है
सुरा का प्याला
मिले जो तुम सा
पीने वाला .

जीवन है
एक प्रेम कहानी
राधा रही
कृष्ण दीवानी .


जीवन है
एक सप्तम राग
सुर ताल संग
खेले फाग .
जीवन है
एक वसंत
रंग हैं इसमें
अति अनंत .


जीवन है
एक रसमय गीत
शहद घोलती
तुम्हारी प्रीत .
जीवन है
 एक सुंदर रीत
जगमग करता
मन का दीप .


जीवन है
एक आँगन
चूल्हा तुलसी
और चन्दन .
जीवन है
एक पावन पूजा
हुआ ना तुझ सा
कोई दूजा .

7 comments:

  1. बहुत खूबसूरत भाव से सजी रचना

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  2. mann ki aankhon se dekho , mann ki tarah hai jivan

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  3. जीवन है
    चटक चांदनी
    संग बजे जब
    तुम्हारी रागिनी

    ==========
    जीवन है
    सुरा का प्याला
    मिले जो तुम सा
    पीने वाला
    ===========
    बहुत अछी कविता !
    बधाई हो !

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  4. प्रकाश पर्व की हार्दिक शुभकामनायें।
    आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
    कल (22/11/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
    देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा।
    http://charchamanch.blogspot.com

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  5. कविता तो गाने लिए बना हुआ गीत लगती है जिसे आराम से सुर ताल और लय में बांधा जा सकता है मगर भाव बहुत हद तक असली है.हार्दिक कलम से लिखी गई इस कविता पर मन से बधाई.कविता में तुक बंदी हो अब ऐसा कोई बंधन नहीं रहा. बस भाव होना चाहिएऔर हाँ कथ्य पाठक तक पहुँच जाए.

    --
    सादर,

    माणिक;संस्कृतिकर्मी
    17,शिवलोक कालोनी,संगम मार्ग, चितौडगढ़ (राजस्थान)-312001
    Cell:-09460711896,http://apnimaati.com
    My Audio Work link http://soundcloud.com/manikji

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  6. सुन्दर परिभाषाएं जीवन की!

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  7. जीवन को परिभाषित करते खूबसूरत शब्द चित्र. सुंदर प्रस्तुति. आभार.
    सादर
    डोरोथी.

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