Wednesday, July 14, 2010

कहानी हूँ मैं

नदी का प्रवाह हूँ
किसी का हार हूँ
नेह भरा अभिसार हूँ
मैं किसी का प्यार हूँ ।

एक प्रेम पगा गीत हूँ
किसी का मनमीत हूँ
धड़कती धड़कन हूँ मैं
ह्रदय में बसा स्पंदन हूँ ।

गेसुओं की छावं हूँ
रेशम का गावं हूँ
घनेरी घटा बन छा जाऊं
सपनों की ठावं हूँ ।

काजल की धार हूँ
प्रीत की पतवार हूँ
ख़ुशी से जाते हैं छलक
मैं किसी की आन हूँ ।

एक जुगनू हूँ
कंगन की खनखन हूँ
तारों भरी रात हूँ
मैं तेरा श्रृंगार हूँ ।

लाज का पानी हूँ
दिल की रवानी हूँ
लबों पर न आये कभी
मैं ऐसी कहानी हूँ .

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