आज फिर
मेरे आसमान में
पूरा चाँद है
टिमटिमाते तारे हैं
और असंख्य जुगनू हैं
क्योंकि
तुम करीब हो
आज फिर
साँसों में महक है
मौसम कुछ बहका सा है
मन कुछ गुदगुदा रहा है
क्योंकि
तुम करीब हो
आज फिर
मन चंचल है
तन में लहर सी है
कदम कुछ बहके से हैं
हवा कुछ अलसाई सी है
क्योंकि
तुम करीब हो
No comments:
Post a Comment