जीवन
सुबह साँझ की
है कहानी
दिन और रात
इसकी रवानी ।
कभी पाउँगा तुम्हें
उससे पहले
खोने
की कहानी
सब कुछ मेरा है
ये भ्रम
बंद आँखों से
देखते सवेरा ।
सपने और हकीकत
में है दूरी का
बसेरा
नहीं कुछ मेरा ।
रौशनी जो है
छलावा ही है
परछाई जो है
बस मेरी है ।
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